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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव: भारत का वर्तमान शासन गीता गवर्नेंस- उपराष्ट्रपति

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव: भारत का वर्तमान शासन गीता गवर्नेंस- उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किया अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का उद्घाटन

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के पावन ब्रह्मसरोवर पर उपराष्ट्रपति ने महापूजन और महाआरती में भाग लिया

Delhi (17 DEC 2023): उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी व गीता महोत्सव का उद्घाटन किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 8वीं अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया ने इतनी पीड़ा कभी नहीं देखी जितनी आज देख रही है, आज हम ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठे हैं, एक तरफ इजरायल और हमास का युद्ध तथा दूसरी तरफ यूक्रेन और रूस का युद्ध है।

इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने कहा गीता की फिलॉसफी जितनी प्रासंगिक आज है उतनी इससे पहले कभी नहीं थी। उन्होंने आगे कहा भारत का संविधान गीता के दर्शन पर आधारित है, गीता हमें एकता का पाठ पढ़ाती है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत वर्ष की वर्तमान शासन व्यवस्था को गीता गवर्नेंस कहा जा सकता है क्योंकि यह समावेशी है, सबका साथ सबका विकास में विश्वास रखता है और सबको कानून की नजर में बराबर रखता है।  

कानून का नोटिस मिलने पर सड़क पर उतरने के बजाय कानून का पालन करें: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश में कानून का शासन है कानून से ऊपर कोई नहीं है यदि आपको कानून का नोटिस मिले तो सड़क पर उतरने की अपेक्षा आप कानून का पालन करें कोई कितना भी बड़ा क्यों हो कानून सबसे ऊपर है। कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में उपराष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियों के संदर्भ में एक दृष्टिहीन वृद्ध महिला की कहानी सुनाई जिसे भगवान ने एक वरदान मांगने को कहा और बदले में उसने भगवान से सोने की थाली में पोते का मुख देखने का वरदान मांग लिया था, उन्होने कहा आज भारत की वही स्थिति है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत दुनिया के गिने चुने देश में है जो क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में बहुत तीव्रता से कम कर रहा है। भारत सिक्स जी और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति होगा – उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैंने स्वयं देखा है 1989-90 में देश का क्या हाल था! मैं केंद्र में मंत्री था तब और सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश को अपना सोना हवाई जहाज से भेजकर स्विट्जरलैंड के दो बैंकों में गिरवी रखना पड़ा था और आज हमारा विदेशी मुद्रा भंडार  600 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। उन्होंने कहा यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि गत वर्षो से हमारी जो शासन व्यवस्था है उसको आप गीता गवर्नेंस कह सकते हो।

अंत में उपराष्ट्रपति ने लोगों से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का आग्रह किया। इस अवसर पर डॉ० सुदेश धनखड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, असम सरकार के संस्कृति मंत्री, कुरुक्षेत्र के सांसद, परम पूज्य स्वामी ज्ञानानंद जी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्राचार्य, संकाय सदस्य, अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजक, देश विदेश से पधारे अनेक गीता प्रेमी, एवं कई अन्य उपस्थित रहे।

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