चंद्रबदनी महाविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन

चंद्रबदनी महाविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन

जामणीखाल। दिनांक 27 दिसंबर को राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी (नैखरी) टिहरी गढ़वाल में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स एंड इट्स इंपोर्टेंस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजन महाविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग एवं करियर काउंसलिंग सेल के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। करिशाला का आयोजन प्राचार्य महोदय डॉ० महंथ मौर्य की अध्यक्षता में किया गया। 

बौद्धिक सम्पदा मानव मस्तिष्क के विचारों से उत्पन्न  एक उपज: डॉ० नीतू पांडे

कार्यशाला में मुख्य वक्ता डॉ० नीतू पांडे, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजकीय महाविद्यालय तलवाड़ी आमंत्रित की गई थी। डॉ० पांडे ने कार्यशाला की शुरुआत कर जानकारी दी कि आईपीआर यानी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स बौद्धिक सम्पदा मानव मस्तिष्क के विचारों से उत्पन्न एक उपज हैं। उन्होंने बताया कि आधुनिक युग में बौद्धिक संपदा सबसे मूल्यवान संपत्ति है क्योंकि यह मानवीय विकास को गति देने वाले तकनीकी नवाचार को पुरस्कृत करती है। यह वैश्विक कला परिदृश्य की उन्नति में सहायक है।

उन्होंने बताया कि बौद्धिक संपदा काल्पनिक रचनाओं को संदर्भित करती है। इसमें सभी प्रकार के आविष्कार, साहित्यिक एवं वैज्ञानिक, कलात्मक कार्य, डिज़ाइन एवं कई अन्य चीजें शामिल हैं। आगे बताया कि आईपी के मुख्य प्रकारों में आविष्कारों के लिये पेटेंट, ब्रांडिंग के लिये ट्रेडमार्क, कलात्मक और साहित्यिक कार्यों के लिये कॉपीराइट, गुप्त व्यावसायिक सूचनाओं के लिये व्यापारिक गोपनीयता तथा उत्पाद की प्रस्तुति के लिये औद्योगिक डिज़ाइन शामिल हैं।

आईपीआर के क्षेत्र में छात्रों को उनके करियर के विभिन्न आयामों के बारे में भी अवगत कराया गया। कार्यक्रम के अंत में एक क्विज़ भी रखा गया जिसमें सभी प्रतिभागियों से आईपी के बारे में कुछ प्रश्न भी पूछे गये। 

कार्यशाला की कन्वीनर डॉ० ऋचा गहलौत, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी सुश्री वंदना रही। आज के कार्यक्रम का मंच संचालन अरविंद सिंह राणा ने किया किया। कार्यक्रम में समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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