Top Banner
ग्राफिक एरा में राष्ट्रीय कार्यशाला, पर्यावरणीय समस्याओं के निदान के लिए सोलर एनर्जी बेहतर विकल्प

ग्राफिक एरा में राष्ट्रीय कार्यशाला, पर्यावरणीय समस्याओं के निदान के लिए सोलर एनर्जी बेहतर विकल्प

देहरादून, 30 सितम्बर। ग्राफिक एरा में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए सौर ऊर्जा को बेहतरीन विकल्प बताया। विशेषज्ञों ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मौजूदा चुनौतियों पर विचार साझा किए।

ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में सोलर फार्मिंग को बढ़ावा देने वाली नीतियों पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में आज मुख्य अतिथि नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इण्डिया के महानिदेशक दीपक गुप्ता ने कहा कि कृषि को सौर ऊर्जा से जोड़कर गांव-कस्बों में बिजली की खपत को कम किया जा सकेगा। इसके लिए तकनीकी विकास के साथ ही कुशल कार्यबल और बेहतर नीतियों को लागू करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निदान पाने के लिए सौर ऊर्जा जैसी स्वच्छ ऊर्जाओं को अपनाना होगा। इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए घरों में सोलर पैनल लगाकर एक छोटी सी पहल की जा सकती है। उन्होंने रूफटॉप सोलर योजना और एग्रोप्लान्ट्स पर भी प्रकाश डाला।

कार्यशाला में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ० मोहम्मद रिहान ने छात्र-छात्राओं से सतत विकास के लिए बिजली की खपत और कार्बन उत्सर्जन कम करने का आह्वान किया। डा. रिहान ने कहा कि पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए खुद की जीवन शैली में बदलाव लाने जरूरी हैं। बिजली को जिम्मेदारी से खर्च करना, हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना, स्वच्छ ऊर्जा अपनाना और इसके प्रति लोंगों को जागरूक करना आवश्यक है।

ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने कहा कि देश में ऊर्जा की समस्याओं के निराकरण के लिए सौर ऊर्जा एक बेहतरीन विकल्प है। यह न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन, वायु और जल प्रदूषण को भी कम करता है। उन्हांेने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सोलर पैनल लगाने, मजबूत संरचनाएं तैयार करने व उनके नियमित रख-रखाव और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली नीतियों को लागू करने जैसी समस्याओं से निपटने के लिए विशेषज्ञों को शोधकर्यों में भी योगदान देना होगा।

कार्यशाला में सोवनियर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी के बीच एमओयू किया गया। एमओयू के तहत छात्र-छात्राओं को सौर ऊर्जा उद्योग पर आधारित ट्रेनिंग दी जाएगी। 

राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर क्लीन एनर्जी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी, नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया और जीआईजेड, नई दिल्ली के सहयोग से किया। कार्यशाला में संयोजक डॉ० बी एस नेगी, आयोजन सचिव (डीन प्रोजेक्ट) प्रो. प्रदीप कुमार शर्मा, विभिन्न विभागों के एचओडी, शोधकर्ता, वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, नीति-निर्माता, शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

Please share the Post to: