देहरादून: करियर बनाने की उम्र में शॉर्टकट से पैसा कमाने की चाहत ने 19 वर्षीय युवक नीरज भट्ट को साइबर अपराध की दुनिया में धकेल दिया। अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में करोड़ों रुपए की ठगी करने के बाद आखिरकार एसटीएफ उत्तराखंड ने उसे जयपुर से गिरफ्तार कर लिया।
साइबर क्राइम की हाई-प्रोफाइल ठगी का मामला
एसटीएफ उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नवनीत सिंह ने जानकारी दी कि देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित ने बताया कि उसे फोन कर मुंबई साइबर क्राइम पुलिस से होने का दावा किया गया। ठग ने धमकाते हुए कहा कि उसके मोबाइल और आधार नंबर का उपयोग वित्तीय अपराध में किया गया है।
ठग ने पुलिस वर्दी में एक फर्जी वीडियो कॉल कर मनी लॉन्ड्रिंग और नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत जेल और जुर्माने का डर दिखाया। इसके बाद पीड़ित से बैंक डिटेल्स लेकर ठग ने फर्जी नोटिस भेजे और डिजिटल अरेस्ट करके र 2.27 करोड़ रुपए जमा करवा लिए।
गिरफ्तारी और बरामदगी
एसटीएफ के निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल और उनकी टीम ने कड़ी मेहनत और जांच के बाद आरोपी नीरज भट्ट को जयपुर से गिरफ्तार किया। नीरज मानसरोवर स्थित अग्रवाल बॉयज हॉस्टल में छिपा हुआ था। उसके पास से ठगी में उपयोग किया गया मोबाइल और बैंक खाते से संबंधित सिम कार्ड बरामद किया गया है।
ठगी का तरीका
ठग ने पीड़ित को डराकर कहा कि उसके खाते की जांच हो रही है। यह केस हाई लेवल का है। उच्च अधिकारी से बात करनी पड़ेगी। तब तक आप हमारी निगरानी में रहेंगे आपको हर 3 घटें में व्हाट्सएप पर अपनी उपस्थिति के मैसेज करने होंगे। इस दौरान कहीं भी यात्रा करने से मना किया गया। डराने के लिए कुछ नोटिस भी भेजे गए। पीड़ित के फंड की जांच करने के लिए सभी बैंक खातों की जानकारी ली गई। पीड़ित को डर था कि कहीं पुलिस उसे पकड़ न ले, इस डर से वह डिजिटल रूप से हाउस अरेस्ट में रहते हुए 11 सितंबर से 17 सितंबर 2024 तक उनके बताए अनुसार खातों में रुपए जमा करता रहा।
ठगों द्वारा बताया गया कि, अवैध लेनदेन को ट्रैक करने के लिए आपके बैक खातों की निगरानी की जा रही है। अगले 24 से 48 घंटों के बीच आपके खाते में पैसे वापस कर दिए जाएंगे। लेकिन अगर कोई भी लेनदेन गलत पाया गया तो आपके घर की नीलामी कर दी जाएगी। पीड़ित द्वारा पैसे भेजने के बाद भी और पैसों की मांग जारी रहने पर पीड़ित को एहसास हुआ कि यह एक स्कैम है। लेकिन तब तक उसके साथ 2 करोड़ 47 लाख 22 हजार 770 रुपए की साइबर ठगी हो चुकी थी।
एसटीएफ की सफलता
एसएसपी नवनीत सिंह ने बताया कि इस हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी के मास्टरमाइंड नीरज भट्ट की गिरफ्तारी उत्तराखंड पुलिस की बड़ी कामयाबी है। पुलिस आरोपी से आगे की पूछताछ कर अन्य ठगी के मामलों की जानकारी जुटा रही है। पुलिस ने नागरिकों को ऐसे फोन कॉल्स से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है।