दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग हुई गर्भवती तो सरकार उठाएगी पूरी जिम्मेदारी, हर महीने इतना मिलेगा पोषण भत्ता

दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग हुई गर्भवती तो सरकार उठाएगी पूरी जिम्मेदारी, हर महीने इतना मिलेगा पोषण भत्ता

देहरादून, 4 मई:
दुष्कर्म पीड़िताओं के प्रति संवेदनशील रुख अपनाते हुए उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है। यदि कोई दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती होती है, तो उसके पालन-पोषण से लेकर आत्मनिर्भरता तक की पूरी जिम्मेदारी अब राज्य सरकार उठाएगी। इसके तहत पीड़िता को 23 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह 4000 रुपये पोषण भत्ता दिया जाएगा।

एकीकृत सहायता से आत्मनिर्भरता की ओर
महिला एवं बाल कल्याण निदेशालय द्वारा संचालित इस योजना में पीड़िता को चिकित्सा, कानूनी सहायता, शिक्षा, आवास, कौशल विकास जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि वह जीवन में आत्मनिर्भर बन सके। राज्य के प्रत्येक जिले को इस योजना के लिए 10 लाख रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया है।

72 किशोरियां बनीं मां, तीन जिलों को जारी हुआ बजट
फिलहाल प्रदेश में ऐसी 72 किशोरियां हैं, जो दुष्कर्म के कारण मां बनी हैं। इस वित्तीय वर्ष में तीन जिलों को एक-एक लाख रुपये का बजट जारी किया जा चुका है। योजना केंद्र सरकार की 100 प्रतिशत वित्त पोषित मिशन वात्सल्य के अंतर्गत चलाई जा रही है।

शिशु की देखभाल भी योजना में शामिल
यदि पीड़िता शिशु को जन्म देती है और उसे नहीं रखना चाहती है, तो विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (एसएए) के माध्यम से शिशु को सुरक्षित रखा जाएगा। बच्चे को छह वर्ष की आयु तक शिशुगृह में और आवश्यकता पड़ने पर 18 वर्ष की उम्र तक एसएए में रखा जा सकता है। पीड़िता और शिशु दोनों का आधार पंजीकरण व जन्म प्रमाण पत्र जारी कराया जाएगा।

परामर्श, बीमा कवर और आपात सहायता
योजना में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, सुरक्षित परिवहन, बीमा कवर, और एकमुश्त छह हजार रुपये की विशेष सहायता का भी प्रावधान किया गया है।

महिला एवं बाल विकास निदेशक प्रशांत आर्या ने बताया कि यह योजना दुष्कर्म पीड़ित बालिकाओं के पुनर्वास, सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन की दिशा में राज्य सरकार का एक सशक्त और संवेदनशील प्रयास है।

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