देहरादून DM सविन बंसल ने बदली चार बहनों की किस्मत, शिक्षा और रोजगार की दिलाई गारंटी

देहरादून DM सविन बंसल ने बदली चार बहनों की किस्मत, शिक्षा और रोजगार की दिलाई गारंटी

देहरादून: “शिक्षा ही भविष्य है और हर बेटी को शिक्षा व सुरक्षा मिलना जरूरी है” – यह कहना है देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल का, जो जनता के लिए उम्मीद और हर फरियादी के दर्द का मरहम बन चुके हैं। एक बार फिर उन्होंने ब्यूरोक्रेसी का असली कर्तव्य निभाते हुए समाज के सामने एक मिसाल पेश की है।

इस बार डीएम बंसल ने चार लाचार बहनों को नई उम्मीद और शिक्षा की राह दिखाते हुए उनकी किस्मत संवारने का संकल्प पूरा किया है। जिला प्रशासन की ओर से असहाय और व्यथित जीवन जी रही 3 बेटियों को स्कूल में दाखिला दिलाया गया, वहीं बड़ी बहन को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की तैयारी की जा रही है।

फरियाद सुनकर पसीजा डीएम का दिल

जनता दर्शन के दौरान सरिता नाम की युवती ने डीएम से गुहार लगाई। उसने बताया कि उनकी मां की डूबने से मौत हो चुकी है और पिता कोई काम नहीं करते। ऐसे में उनकी तीन छोटी बहनों की पढ़ाई और शादी की जिम्मेदारी भी उसी पर है, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने से उनकी पढ़ाई छूट गई है।

सरिता की व्यथा सुनकर डीएम ने तुरंत संज्ञान लिया और मुख्य शिक्षा अधिकारी को तीनों बहनों का स्कूल में दाखिला दिलाने का निर्देश दिया। साथ ही सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाकर सेवायोजित करने के भी आदेश दिए।

प्रशासन की पहल से लौटी मुस्कान

डीएम के निर्देश पर तीनों बहनों को रा.प्रा.वि. लाडपुर, रायपुर में दाखिला दिला दिया गया है। प्रधानाध्यापिका ने इसकी पुष्टि भी की। वहीं, सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण और स्वरोजगार से जोड़ने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

बेटियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास

जिला प्रशासन ने सामाजिक सरोकार को आगे बढ़ाते हुए निर्धन और असहाय परिवारों की बेटियों को शिक्षा से जोड़ने का सराहनीय कार्य किया है। इसके तहत “प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा” के माध्यम से ऐसे परिवारों की पहचान की जा रही है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और बेटियों का दाखिला स्कूल में नहीं हो पा रहा था।

डीएम सविन बंसल की पहल से न सिर्फ बेटियों को स्कूल में दाखिला दिलाया जा रहा है, बल्कि उन्हें निःशुल्क पुस्तकें, यूनिफॉर्म और अन्य जरूरी सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है।