कोटद्वार गढ़वाल (उत्तराखंड) में जंगल की आग पहुंची एसजीआरआर इंटर कॉलेज तक। जिससे चार कमरे फर्नीचर सहित हो गए राख। तहसील ब्लॉक दुगड्डा स्थित एसजीआरआर इंटर कॉलेज तक शुक्रवार देर रात जंगल की आग पहुंच गई। आग की लपटों में कॉलेज के चार कमरे सारा फर्नीचर व सामान सहित खाक हो गए।
उत्तराखंड में जंगल लगातार आग की भेंट चढ़ रहे हैं। आग से अब तक वन संपदा और वन प्राणियों के नुक्सान के साथ वस्तिओं और भवनों को भी लगातार खासा नुकसान हो रहा है. अस्कोट (पिथौरागढ़) के सोनीपातल में जंगल की आग से चार मकान जल गए। घरो में रखा सारा सामान जल गया। चंपावत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं हैं। आग से वन संपदा को काफी नुकसान हो रहा है। चंपावत में मानेश्वर के जंगल और देवराड़ी बैंड खूना के पास के जंगल में लगी आग से आधे हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में वन संपदा जल गई है।
बीते दिनों उत्तराखंड के १३ में से ११ ज़िले आग से बुरी तरह परभावित थे। कुछ राहत तब मिली जब कुदरती राज्य के कुछ जिलों में हल्की-फुल्की ओलावृष्टि और बारिश हुई। बदरीनाथ, हेमकुंड सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी भी हुई है। बीते मंगलवार देर रात हुई बारिश से जंगलों में लगी आग काफी बुझ गई थी।
अब पुनः जंगलों में आग की घटनाएं सामने आ रही हैं, पर सबसे बड़ा सवाल यह है की ज़गल के आग के प्रति जो उत्तराखंड के लोगो की सोच थी वह बड़ी ही हैरानी में डालती है कई दिनों से लगी आग पर स्थानीय लोग, कॉलेजेस और यहा के अख़बारों में खबर प्रमुखता से नहीं थी जब शुरुआत में आग लगी। हमारी शिक्षा का नीव है हमारा वातावरण। आज फिर साबित हो गया की हम हमारी पर्यावरण के प्रति कितने जागरूक है।
बागेश्वर जिले में कांडा के भद्रकाली गांव में जंगल की आग खेतों तक पहुंच गयी और गेहूं की खड़ी फसल जल गई। शनिवार को नैनीताल मार्ग पर बेलुवाखान के पास जंगल की आग से पेड़ टूट कर रास्ते पर गिर गया। जिससे रास्ता बंद हो गया और घंटों दोनों ओर वाहन फंस गए।
बीते समय पिथौरागढ़ के ग्राम पंचायत लेकम कांडा के सोनी पातल के जंगलों में भीषण आग लगी और घरों तक पहुंच गई। जिसमें चार मकान आग की भेंट चढ़ गए। ग्राम प्रधान से मिली जानकारी में बताया कि घरों में रखे बर्तन और पूरा सामान जल गया है। प्रभावित परिवार के लोग दूसरी जगह रहते को मजबूर हैं।
बाराकोट विकासखंड के पम्दा के जंगल में लगी आग शुक्रवार को आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच गई। बाराकोट ब्लॉक के पम्दा के जंगल में लगी आग की चपेट में आने से दो घास के लुट्टे और ग्रामीणों की जलौनी लकड़ियां जल गईं। ग्रामीणों ने बताया कि घास और जलौनी लकड़ी जलने से महिलाओं की साल भर की मेहनत बर्बाद हो गई है। वनों में लगी आग की रोकथाम के लिए चंपावत डिवीजन में एनडीआरएफ की 21 सदस्यीय टीम तैनात की गई है।
बागेश्वर के भद्रकाली ग्राम पंचायत के पाटाडुंगरी गांव के जंगल की आग गेहूं के खेतों तक पहुंच गई। ग्रामीणों के प्रयास से आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक काफी फसल जल चुकी थी। कपकोट के शिखर की पहाड़ी में अचानक आग लग गई। जिले में शीतकाल से अब तक जंगल में आग लगने की 130 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। करीब दो सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है।
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