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जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार

जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 5 सितम्बर 2021

कोटद्वार । आज दिनांक 10 सितंबर 2021 को डॉ पीतांबर दत्त बर्थवाल हिमालयन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार गढ़वाल।भूगोल विभाग तथा नेत्रा इंस्टिट्यूट ऑफ जियो इनफॉर्मेटिक्स मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन नई दिल्ली के संयुक्त तत्वधान में जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट सस्टेनेबल डेवलपमेंट, कैरियर अपॉर्चुनिटी विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार आयोजन किया गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर पीके पाठक, निदेशक उच्च शिक्षा, उत्तराखंड सरकार ने अपने संबोधन में कहा जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नॉलॉजी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट करियर अपॉर्चुनिटी राष्ट्रीय वेबीनार में प्रतिभाग करने वाले समस्त विद्यार्थियों शोधार्थियों तथा प्राध्यापकों को शुभकामनाएं देता हूँ। उन्होएँ कहा कि मैं आशा करता हूं कि उत्तराखंड सहित भारत के विकास में यह वेबीनार कारगर साबित होगा।

महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार ने अपने संबोधन में कहा जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी का वर्तमान समय में व्यापक उपयोग निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। इसलिए प्रत्येक विद्यार्थी को जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी के व्यवहारिक ज्ञान को अपनाने की आवश्यकता है और प्रशिक्षकों के माध्यम से छात्र-छात्राओं तक जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी के ज्ञान को पहुंचाया जाना समय की मांग प्रतीत होता है।

राष्ट्रीय वेबीनार के आयोजक सचिव डॉ० किशोर चौहान ने कहा जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी सामाजिक विज्ञान एवं विज्ञान तथा इंजीनियरिंग के बीच की एक कड़ी है जिसमें जीआईएस, जीपीएस, एसआरएस के उपयोग के माध्यम से सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक एवं अपराधिक गतिविधियों तथा का प्रबंधन एवं सतत विकास के लिए उपयोग में लाया जाता है। कार्यक्रम का संचालन वेबीनार की कन्वीनर डॉ० वंदना चौहान विभाग प्रभारी अंग्रेजी के द्वारा किया गया।

प्रोफेसर डीसी गोस्वामी असिस्टेंट डायरेक्टर उच्च शिक्षा उत्तराखंड ने विषय विशेषज्ञ के रूप में जियो इनफॉर्मेटिक्स का आपदा प्रबंधन, आर्थिक विकास एवं सामाजिक विकास में तकनीकी उपयोग के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा जियो इनफॉर्मेटिक्स समय की बचत, लागत की बचत, मैन पावर की बचत करता है और कम समय में दूरस्थ क्षेत्र के आंकड़ों को एकत्रित कर सकते हैं।

एनआईबीएमटी के हेड रविंद्र नाथ तिवारी ने जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी का विस्तार से वर्णन करते हुए उसके उपयोग पर प्रकाश डाला। साथ ही छात्र-छात्राओं को जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किस प्रकार अवसर प्राप्त हो सकते हैं और यह टेक्नोलॉजी किस प्रकार रोजगार परक हो सकती है इस विषय पर व्याख्यान दिया।

इसके पश्चात प्रोफ़ेसर डीएस नेगी, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय चौबट्टा खाल पौड़ी गढ़वाल ने जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी के ब्यवहारिक उपयोग पर प्रकाश डालते हुए व्याख्या की। उन्होंने कहा आने वाला समय और तेजी से जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी का ही है। जिसके माध्यम से मनुष्य अपने जीवन को सुगम और सुरक्षित बना सकता है।

अंत में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफ़ेसर आर के पांडे हेड & डीन ज्योग्राफी डिपार्मेंट कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल, पूर्व कार्यकारी निदेशक आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण केंद्र देहरादून ने अपने संबोधन में जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी का आपदा प्रबंधन एवं सतत विकास में उपयोग के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने भारत एवं उत्तराखंड के परिपेक्ष में आपदा प्रबंधन की अवस्थाओं आपदा से पूर्व आपदा के समय आपदा के पश्चात की तैयारियों पर किस प्रकार जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहां कि जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी एक टूल है आपदा प्रबंधन के लिए उपयोग में लाई जा सकती है। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति एवं विनाशकारी आपदाओं से बचाव के लिए उन्होंने उत्तराखंड के लिए व्यापक योजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इनके पश्चात भूगोल विभाग के प्रभारी डॉ० महंत मौर्या ने कहा कि जीआईएस एंड रिमोट सेंसिंग में छात्र छात्राओं को महाविद्यालय में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए जिससे कि विद्यार्थी इसके प्रयोग को सीख सकें। समापन में डॉ ऋचा जैन असिस्टेंट प्रोफ़ेसर कॉमर्स ने जियो इनफॉर्मेटिक्स टेक्नोलॉजी का ई-कॉमर्स में उपयोग के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम की कन्वीनर डॉ० वंदना चौहान ने कार्यक्रम के अंत में कीनोट धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त अध्यापकों ने प्रतिभाग किया।

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