रेनबो न्यूज़ इंडिया* 1 नवम्बर 2021
उत्तराखंड: देवस्थानम बोर्ड का गठन त्रिवेंद्र रावत के कार्यकाल में हुआ था। तब से ही लगातार तीर्थ पुरोहित त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध करते आए हैं। दरअसल केदारनाथ में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दर्शनों के लिए जा रहे थे। 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी केदारनाथ जाएंगे और इसे देखते हुए ही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र भी व्यवस्थाओं का जायजा लेने केदारनाथ जा रहे थे तभी इस बीच तीर्थ पुरोहितों और केदारनाथ के हक हुकूक धारियों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का घेराव कर दिया। त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगम पुल से आगे नहीं जाने दिया गया और तीर्थपुरोहित और हक-हकूकधारियों ने इस दौरान उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने से केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश है। देवस्थानम बोर्ड व एक्ट वापस नहीं होने पर तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को गंगोत्री धाम बंद रखने का निर्णय लिया है। देखिये वीडियो….
Related posts:
- प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे केदारनाथ, बाबा का जलाभिषेक और आदि शंकराचार्य की मूर्ति का करेंगे लोकार्पण
- मुख्यमंत्री धामी ने किया देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का ऐलान
- श्री गंगोत्री धाम के कपाट प्रातः 7 बजकर 31 मिनट पर खुल गये
- भू-अध्यादेश कानून लागू और देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन
- मुख्यमंत्री धामी शासन के 100 दिन पूरे, मेरा एक-एक पल जनता के लिए: धामी
- पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत बुधवार 23 जून से कुमांऊ दौरे पर