ऋषिकेश, 18 सितंबर 2024: श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर में आज देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत दो दिवसीय बूट कैंप का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के उद्यमिता और इनक्यूबेशन उत्कृष्टता केंद्र द्वारा किया गया, जिसका उद्घाटन प्रोफेसर अनीता तोमर (निदेशक, उद्यमिता केंद्र), डॉ. सुमित कुमार (प्रोजेक्ट अधिकारी), सुश्री रतुला दास (प्रोजेक्ट मैनेजर), प्रोफेसर अंजनी प्रसाद दुबे, डॉ. शालिनी रावत और डॉ. गौरव वाष्र्णेय द्वारा किया गया।
उत्तराखंड सरकार और भारतीय उद्यमिता संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से संचालित इस योजना का उद्देश्य छात्रों को स्टार्टअप और उद्यमिता के क्षेत्र में मार्गदर्शन देना है। प्रोजेक्ट अधिकारी डॉ. सुमित कुमार ने छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए और कई गतिविधियों जैसे बिजनेस मॉडल कैनवस और वैल्यू एडेड कैनवस के माध्यम से उनके विचारों का मूल्यांकन किया गया। साथ ही, स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्यमिता कौशल और रुझान की पहचान भी की गई।
प्रोफेसर अनीता तोमर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह बूट कैंप उनके उद्यमी सपनों को साकार करने का महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, “आज का युग तेजी से बदल रहा है, और हमें पारंपरिक नौकरी खोज से आगे बढ़कर स्वरोजगार और व्यवसाय की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।” उन्होंने उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं, जैसे बिजनेस मॉडल डिजाइन, वित्तपोषण रणनीतियाँ और टीम निर्माण पर गहन चर्चा की।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एन के जोशी और परिसर निदेशक प्रोफेसर महावीर रावत ने बूट कैंप को युवाओं के लिए अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि यह स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सतत विकास और उद्यमशीलता के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अंजनी प्रसाद दुबे ने किया, जिन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे उत्तराखंड को उद्यमशीलता और नवाचार का केंद्र बनाने में अपना योगदान दें। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शालिनी रावत द्वारा किया गया, जिन्होंने छात्रों के दृढ़ संकल्प और जुनून की सराहना की।
इस अवसर पर वाणिज्य संकाय की डीन प्रोफेसर कंचन लता सिन्हा, प्रोफेसर हेमलता मिश्रा, प्रोफेसर पूनम पाठक, प्रोफेसर मुक्तिनाथ यादव, प्रोफेसर सती, डॉ. गौरव वाष्र्णेय, डॉ. अटल त्रिपाठी, डॉ. शिखा, डॉ. पवन, श्री संजीव सैनी सहित 200 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।