Top Banner Top Banner
जिलाधिकारी स्वाति ने वीडियो काॅन्फ्रेसिंग से दी मुख्यमंत्री को रैणी आपदा की ताज़ा रिपोर्ट

जिलाधिकारी स्वाति ने वीडियो काॅन्फ्रेसिंग से दी मुख्यमंत्री को रैणी आपदा की ताज़ा रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेसिंग से ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक

रेनबो समाचार * 27 मार्च 2021

चमोली। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक लेते हुए प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा एक संवेदनशील विषय है और आपदा कभी भी कही भी आ सकती है। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने जनपद चमोली की आपदा में लापता लोगों की खोजबीन एवं प्रभावितों में मुआवजा वितरण के संबध में भी जानकारी ली।

जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि रैणी और तपोवन में लगातार लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है। तपोवन इन्टेक एडिट टनल में 206 मीटर तथा एसएफटी में भी 42 मीटर तक मलवा साफ किया जा चुका है। टनल से अभी तक 16 मानव शव बरामद हुए है। डिसिल्टिंग चैम्बर में मलवा निकालने, बोन्ड निर्माण, अपस्ट्रीम-डाउनस्ट्रीम पर काम्बिंग लगातार जारी है। डीसिल्टिंग चैम्बर से भी 8 शव बरामद हुए है। टनल के भीतर वेन्टिलेशन सिस्टम व लाईट आदि की व्यवस्थाएं की गई है।

सीएम द्वारा आपदा विभाग को आगामी मानसून के दृष्टिगत तैयारियां रखने के निर्देश

वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से सीएम द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक ली गयी। सीएम ने अधिकारियों को आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत सभी तैयारियां जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान चमोली के तपोवन-रैणी क्षेत्र में आई आपदा में लापता लोगों के डेथ सर्टिफिकेट बनाने की कार्रवाई में तेजी लाने के भी निर्देश दिए ताकि प्रभावित परिवारों को राहत राशि का शीघ्र भुगतान किया जा सके।

आपदा प्रबंधन की दृष्टि से उत्तराखंड में शोध संस्थान खोलने का भी निर्णय लिया। बैठक में सुरकंडा में बने डाॅप्लर रडार को जल्द चालू करने व लैंसडाउन में डाॅप्लर रडार की स्थापना की प्रक्रिया में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ० धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

प्रदेश में न्याय पंचायत स्तर पर टीमें गठित कर आपदा प्रबंधन से संबंधित उपकरणों की किट होगी उपलब्ध

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेशभर में न्याय पंचायत स्तर तक टीमें गठित कर उन्हें आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण उपकरणों की किट उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही जनजागरण के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। आपदा प्रबंधन के मद्देनजर उत्तराखंड में शोध संस्थान खोला जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ग्राम स्तर तक संपर्क सूत्र बनाए रखें।

मृतकों में 28 लोग एनटीपीसी के

जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक 77 मानव शव और 35 मानव अंग बरामद हुए है, जिसमें से 41 शवों की शिनाख्त की गई है और 40 मृतकों के परिजनों को सहायता राशि दी जा चुकी है। जिन 40 लोगों की शिनाख्त हुई है उसमें से 28 लोग एनटीपीसी के थे। एनटीपीसी ने भी 28 मृतकों में से अब तक 3 लोगों को मुआवजा दे दिया है और 25 मृतकों के परिजनों को मुआवजा वितरण की कारवाई की जा रही है। कंपनसेशन कमिश्नर से 18 मार्च को मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट कंपनी के द्वारा भी अपने 5 लोगों का मुआवजा धनराशि उनके पास जमा करा दी गई है।

जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए शासन द्वारा जारी प्रक्रिया के अनुरूप जरूरी दस्तावेज एकत्रित करने के बाद 6 लोगों के प्रारम्भिक आदेश जारी किए जा चुके है और अन्य 28 प्रकरणों में दस्तावेज लगभग तैयार हो चुके है। शीघ्र ही इनका भी प्रारम्भिक आदेश जारी कर दिया जाएगा। रैणी में मोटर ब्रिज तैयार कर विगत 5 मार्च से वाहनों की आवजाही सुचारू कर दी गई है। भग्यूल में लाॅकब्रिज तैयार हो चुका है और जुग्जू में भी लाॅकब्रिज निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। वही जुआग्वाड में ग्रामीणों की मांग पर ब्रिज निर्माण हेतु शासन से स्वीकृत मिल गई है।

जिलाधिकारी ने फाॅरेन्सिक साइंस लैब भेजे गए डीएनए सैंपल रिपोर्ट जल्दी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी झील के बारे में जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीम द्वारा पहले ही झील का निरीक्षण किया जा चुका है तथा एनडीएमए की टीम द्वारा आजकल झील के संबध में निरीक्षण किया जा रहा है।

वीसी में पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार चन्याल, एसडीएम कुमकुम जोशी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी, ईई लोनिवि डीएस रावत आदि मौजूद थे।

 

Please follow and like us:
Pin Share
Please share the Post to:
RSS
Follow by Email