रेनबो न्यूज़ इंडिया * 7 अक्टूबर 2021
जामणीखाल (टि० ग०)। राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी (नैखरी) में दिनांक 7 अक्टूबर को आयोजित शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए पीटीए के साथ-साथ भूतपूर्व छात्रों ने उपस्थिति देकर परिषद का गठन किया। इस अवसर पर अभिभावकों एवं पुरातन छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन को समय-समय पर आवश्यक सहयोग देने का निर्णय लिया।
इस अवसर पर समाज के उपस्थित गणमान्य नागरिकों ने स्वेच्छा से आप से विचार विमर्श कर सिविल सोसाइटी (नागरिक समाज) का भी गठन किया। जिसमें सुरेश सिंह राणा – अध्यक्ष, शिवदयाल सिंह बिष्ट – उपाध्यक्ष, हरपाल सिंह भंडारी- सचिव, भीम सिंह पुंडीर – कोषाध्यक्ष, अंकित भट्ट को सह सचिव नियुक्त किया गया।
https://t.co/7YnSijNN42
— Rainbow News (@RainbowNewsUK) October 8, 2021
जामणीखाल (टि० ग०)। राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी (नैखरी) में दिनांक 7 अक्टूबर को आयोजित शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए पीटीए के साथ-साथ भूतपूर्व छात्रों ने उपस्थिति देकर परिषद का गठन किया। pic.twitter.com/VtdSXeLmVB
सोसाइटी सिविल द्वारा अवगत कराया गया कि दिनांक 11 सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी को श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय का परिसर बनाने के उपरांत नागरिक समाज का गठन आवश्यक है। जिसमें उच्च शिक्षा के मूल उद्देश्यों की पूर्ती के लिए श्री चंद्रबदनी क्षेत्र में परिसर बनाया जाना आवश्यक है। अतः समिति विश्वविद्यालय परिसर बनाए जाने हेतु शासनादेश प्राप्त करने हेतु कार्य करेगी।
बैठक में प्रभारी प्राचार्य डॉ० श्रीमती सुषमा चमोली, वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ० प्रताप सिंह बिष्ट के अतिरिक्त ज्ञान सिंह रावत – सचिव श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम अंजनीसैन, डॉ० देवेंद्र सिंह रावत, डॉ० विनोद कुमार रावत, डॉ० आशुतोष जंगवाण, डॉ० ऋचा गहलोत, केदारनाथ भट्ट और पुरातन और वर्तमान छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे हैं।
Related posts:
- महाविद्यालय चन्द्रबदनी में समाजशास्त्र परिषद का गठन
- राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी में ओरिएंटेशन प्रोग्राम से नए सत्र का शुभारंभ
- आज़ादी के अमृत महोत्सव का राष्ट्रीय आंदोलन विषय पर संगोष्ठि के साथ संपन्न
- वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण के साथ समापन
- चंद्रबदनी महाविद्यालय के छात्र “नदियों को जानों” अभियान में पहुंचे देवप्रयाग संगम
- चंद्रबदनी महाविद्यालय में सिंगल यूज प्लास्टिक उन्मूलन और विकल्प विषय पर चर्चा