ग्राफ़िक एरा में स्टार्टअप्स शुरू करने पर मंथन, छात्रों ने सीखे स्वरोजगार के गुर

ग्राफ़िक एरा में स्टार्टअप्स शुरू करने पर मंथन, छात्रों ने सीखे स्वरोजगार के गुर

ग्राफ़िक एरा - कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया स्टूडेंट्स ब्रांच द्वारा पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

इनोवेशन आधारित बिज़नेस आइडिया से प्रतिपर्धा को दे सकते हैं मात – ग्राफ़िक एरा टीबीआई सीईओ विशाल जे सी

देहरादून (26 नवंबर 2021)।  ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय के सीएसआई स्टूडेंट ब्रांच और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन छात्र-छात्राओं को स्वरोजगार के गुर सिखाये गए। विषय विशेषज्ञ विशाल जेसी सीईओ टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (टीबीआई) ग्राफ़िक एरा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित किया और इनोवेशन आधारित स्टार्टअप्स शुरू करने की सलाह दी। 

आपको जानकारी दे दें कि ग्राफ़िक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय में  “प्रौद्योगिकी के माध्यम से अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और पर्यावरण संरक्षण” विषय पर आधारित पांच दिवसीय कार्यशाला का लिया जा रहा हैं। यह आयोजन ग्राफ़िक एरा में कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया स्टूडेंट ब्रांच द्वारा किया जा रहा हैं। 

चौथे दिन के विषय विशेषज्ञ विशाल जेसी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि इंजीनियरिंग के साथ-साथ इनोवेशन आधारित स्टार्ट-अप्स शुरू कर न केवल पढ़ाई के खर्चे निकाल सकते हैं बल्कि समय से अनुभव प्राप्त कर बिज़नेस भी स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को स्वरोजगार शुरू करने की सलाह दी, और स्वरोजगार शुरू करने के लिये  मार्गदर्शन भी किया। विशाल जेसी ने अपने संबोधन में बताया कि स्वरोजगार शुरू करने के लिए ग्राफ़िक एरा में टीबीआई के माध्यम आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं, बस छात्रों में इच्छा शक्ति होने चाहिए। 

विशाल जेसी ने छात्रों को बताया की इंजीनियरिंग के साथ-साथ स्टार्ट-अप्स शुरू करने का सबसे बड़ा फायदा यह हैं आप समय से अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी आधारित कार्यों पर जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे स्टार्टअप्स सफल होने के साथ-साथ बहुत बड़ी तरक्की भी हासिल कर सकते हैं।  

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि ग्राफ़िक एरा के छात्रों द्वारा कई स्टार्टअप्स स्थापित किये गए हैं, जो सफलता पूर्वक ब्यवसाय कर रहे हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि छात्रों के एक स्टार्टअप द्वारा माचिस के बॉक्स के बराबर ईसीजी मशीन बनाई गई है जिसकी प्रधानमंत्री मोदी ने भी सराहना की है। एक अन्य स्टार्टअप ने भारत में फसलों को नुकसान पहुंचाने वालों टिड्डों के दल पर दवाई के छिड़काव करने का ड्रोन भी बनाया है।

कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० डॉ० देवेश प्रताप ने कार्यशाला के आयोजन के लिए कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया स्टूडेंट ब्राँच की सराहना की और सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी। 

इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने भी उनके द्वारा किये जा रहे स्वरोजगार कार्यों के बारे में बताया और प्रश्न पूछकर बिटकॉइन सम्बंधित और अन्य बिज़नेस इनोवेशन के जानकारियां हासिल की।  

कार्यशाला के संयोजक, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के सहायक प्राध्यापक रमेश सिंह रावत ने बताया कि कैसे आप शिक्षा-प्रशिक्षण के साथ समय का सदुपयोग कर स्टार्टअप्स के माध्यम से स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं और इनोवेशन से प्रतिस्पर्धा को मात देकर सफलता की ऊंचाइयां हासिल कर सकते हैं।  

इस अवसर पर कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्राध्यापक, कार्यशाला संयोजक – रमेश सिंह रावत, सौरभ मिश्रा, अंकित गुप्ता, ग्राफ़िक एरा कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया स्टूडेंट ब्राँच के सदस्य और अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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