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अवैध नशे की तस्करी गैंग के चार लोग गिरफ़्तार, पुलिसकर्मी अहमद और रईसराजा गैंग के मददगार भी गिरफ़्तार

अवैध नशे की तस्करी गैंग के चार लोग गिरफ़्तार, पुलिसकर्मी अहमद और रईसराजा गैंग के मददगार भी गिरफ़्तार

STF उत्तराखण्ड एवं एन्टी ड्रग्स टास्क फोर्स द्वारा संगठित टीम द्वारा ज्वालापुर, जनपद हरिद्वार में की गई कार्यवाही

देहरादून: स्पेश्ल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड एवं एन्टी ड्रग्स टास्क फोर्स द्वारा संगठित अवैध नशे की तस्करी करने वाले गैंग के विरूद्व ज्वालापुर, जनपद हरिद्वार में की गई कार्यवाही। उत्तराखण्ड में अवैध रूप से नशे का व्यापार करने वाले अपराधियों के विरूद्व कार्यवाही हेतु स्पेश्ल टास्क फोर्स के अधीन एन्टी ड्रग्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। एस0टी0एफ को विगत कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि हरिद्वार जिले के ज्वालापुर क्षेत्र में नशा तस्करों द्वारा संगठित रूप से मादक पदार्थो की बिक्री की जा रही है। इस सूचना पर एसटीएफ एवं एडीटीएफ की संयुक्त टीम का गठन कर गोपनीय एवं तकनीकी सर्विलांश के माध्यम से सूचना संकलन का कार्य किया गया। उक्त सम्बन्ध में पुख्ता साक्ष्यों के मिलने के उपरान्त पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ जवाहर लाल के नेतृत्तव में टीमों का गठन कर अवैध मादक पदार्थो की तस्करी में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए आज दिनांक 16 अप्रैल को कार्यवाही की गयी।

गैंग के गिरफ़्तार अभियुक्त

राहिल पुत्र मुस्तफा निवासी कस्सावाल (ज्वालापुर) को उसके घर से मादक पदार्थ की बिक्री करते हुए रेंज हाथों पकड़ा गया। उसके पास से 189 ग्राम स्मैक (कीमत लगभग 8 लाख) भी बरामद की गई। आज बेची गई स्मैक से प्राप्त 9,700/- रूपए भी बरामद किये गये।

गिरफ्तार राहिल ने पूछ-ताछ में बताया कि वह विगत कुछ सालों से अवैध रूप से मादक पदार्थो खरीदने एवं बेचने का कार्य करता है। यह यह कार्य रिस्तेदार सत्तार पुत्र असगर के साथ मिलकर करता रहा है।

वर्ष 2017 में दोनों आरोपियों के एनडीपीएस एक्ट के मुकदमें में गिरफ्तारी हुयी परन्तु फिर भी आरोपी अवैध व्यापार को अन्य लागों के माध्यम से संचालित करते रहे। राहिल ने बताया कि अवैध धन्धें में कुछ पुलिस कर्मी भी सूचना देकर उनकी मदद करते थे। जिससे वे सतर्क होकर माल छुपा देते थे।

2) सत्तार पुत्र असगर (गैंग सरगना) संगठित रूप से गैग का संचालन कर रहा था। जिसको एसटीएफ टीम द्वारा आज रोहल्की थाना बहादराबाद से गिरफ्तार किया गया। पूछ-ताछ में आरोपित सत्तार ने उक्त सभी बातों को स्वीकार किया।

साथ ही इस गैग में गंगेष पत्नी स्व0 मोहन लाल यादव निवासी कस्सावान को संलिप्त बताया गया। यह महिला पूर्व में उत्तरकाशी के नारकोटिक्स के एक अभियोग में 10 साल की सजायाफता है।

सत्तार ज्वालापुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है जिसके विरूद्व 38 मुकदमें दर्ज है, जिनमें दो बार इसके विरूद्व गैगेस्टर एक्ट भी लगाया गया है। इस धन्धे में उसका बेटा शाहरूख भी सामिल था, जिसे वर् 2019 में थाना रूड़की के मु0अ0सं0 787/19 धारा 8/22 एन0डी0पी0एस0 एक्ट में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उसके पास से व्यवसायिक मात्रा में हजारों नशीले इन्जेक्शन बरामद हुए थे जिसके कारण विगत एक वर्ष से वह जेल में है।

3) गंगेश पत्नी स्व0 मोहन लाल:- पूछ-ताछ के दौरान उपरोक्त अवैध धन्धे में शामिल महिला गंगेश के घर पर क्षेत्राधिकारी सदर व एसटीएफ/एडीटीएफ टीम द्वारा दविश दी गई जिसमें तलाशी के दौरान उक्त महिला के घर से 1.25 किलो चरस बरामद हुई। इस माल को उपरोक्त गैंग द्वारा फुटकर में बेचने के लिए उपलब्ध कराया जाना था। पूछ-ताछ से महिला द्वारा पुलिस के विभिन्न कार्यालयों में अपने सम्पर्क सूत्रों से जानकारी लेकर गैग के लोगों को जानकारी दी जाती थी।

4) इरफान पुत्र जगशहीद निवासी एकड़ पथरीः- अभियुक्त राहिल से पूछ-ताछ से मिली जानकारी एवं तकनीकी सर्विलांस के आधार पर पथरी निवासी इरफान को एसटीएफ की टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया। पूछ-ताछ के दौरान इरफान ने विभिन्न श्रोतो से स्मैक, चरस आदि को एकत्र कर राहिल को उपलब्ध कराये जाने की बात स्वीकार की गई साथ ही विगत दिनों 15 किलो स्मैक की डील होने के बारे में भी जानकारी दी गई जो आगे व्यवस्था करके दी जानी थी।

जनपद पुलिस की किसी भी कार्यवाही के लिए हरिद्वार के थाना ज्वालापुर पर नियुक्त कान्सटेबिल अमजद के द्वारा थाने की रेड टीम के सम्बन्ध में समय-समय पर सूचना दी जाती थी, जिसमें माल व इस कार्य में लगे लोगो को बचने के लिए बता दिया जाता था। इसके अतिरिक्त हरिद्वार एडीटीएफ में नियुक्त कान्सटेबिल रईसराजा एडीटीएफ टास्क फोर्स की किसी भी जानकारी की सूचना समय-समय पर देता रहता था, तथा विगत माह से अवैध मादक पदार्थो की तस्करों के विरूद्व की जा रही कार्यवाही के सम्बन्ध में सूचना व टीम मेम्बरों के नाम पूर्व से ही बता देता था जिससे इस अवैध धन्धे में संलिप्त लोग पकड़े न जा सके।

गिरफ़्तार पुलिस कर्मी

उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तगण से पूछ-ताछ एवं तकनीकी सर्विलांस एवं नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त व्यक्त्यिों के मोबाईल फोन के तकनीकी परीक्षण से सत्तार की पूर्ण रूप से संलिप्तता पाई गई, जो इस प्रकार के अपराध को ज्वालापुर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में संचालित कर रहे थे तथा थाना ज्वालापुर में नियुक्त कान्सटेबिल 523 ना० पु0 अमजद एवं हरिद्वार एडीटीएफ में नियुक्त कान्सटेबिल 278 ए० पी0 रईस राजा संरक्षण दे रहे थे।

उपरोक्त अभियुक्तगण में से अभियुक्त राहिल एवं गंगेश के विरूद्व एनडी0पी0एस0 की धारा 8/22/27-ए/29 एन0डी0पी0एस0एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही एवं अन्य अभियुक्तगण सत्तार, इरफान एवं दोनों पुलिस कर्मियों के विरूद्व धारा 29 एन0डी0पी0एक्ट में गिरफ्तार किया गया है।

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