रेनबो न्यूज़ इंडिया * 15 दिसंबर 2021
दिसंबर तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बुधवार सुबह बेंगलुरू के एक सैन्य अस्पताल में निधन हो गया।भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने कहा कि ‘‘बहादुर’’ ग्रुप कैप्टन ने आज सुबह दम तोड़ दिया।
वायु सेना ने ट्वीट किया, ‘‘ आईएएफ को यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि बहादुर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जो आठ दिसंबर 2021 को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में घायल हो गए थे ..उनका आज सुबह निधन हो गया। भारतीय वायुसेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवार के साथ दृढ़ता से खड़ी है।’’
वायु सेना के एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के गत बुधवार को दुघर्टनाग्रस्त होने के बाद ग्रुप कैप्टन गंभीर रूप से झुलस गए थे और उन्हें वेलिंगटन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कैप्टन सिंह को पिछले बृहस्पतिवार को ग्रुप तमिलनाडु के वेलिंगटन से बेंगलुरू के कमांड अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंह के निधन पर बुधवार को शोक जताया और कहा कि उन्होंने देश की जो सेवा की, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने गर्व, पराक्रम और अत्यंत पेशेवराना अंदाज में देश की सेवा की। उनके निधन से मुझे अत्यंत दुख पहुंचा है। देश के लिए उनकी सेवा को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने गर्व, पराक्रम और अत्यंत पेशेवराना अंदाज में देश की सेवा की। उनके निधन से मुझे अत्यंत दुख पहुंचा है। देश के लिए उनकी सेवा को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’
इस हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की जान चली गई थी। केवल वरुण सिंह की जीवित बचे थे। रूस निर्मित हेलीकॉप्टर में वह सीडीएस के संपर्क अधिकारी के तौर पर सवार थे। रावत, वेलिंगटन में ‘डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज’ जा रहे थे। सिंह, उस प्रतिष्ठित संस्थान में एक प्रशिक्षक के तौर पर कार्य कर रहे थे।पिछले साल, 12 अक्टूबर को एक बड़ी तकनीकी खामी की चपेट में आए लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन सिंह को अगस्त महीने में शौर्य चक्र से नवाजा गया था।
पुरस्कार प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि एक खतरनाक स्थिति में अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक तनाव के बावजूद, उन्होंने अनुकरणीय संयम बनाए रखा और असाधारण उड़ान कौशल का प्रदर्शन करते हुए विमान को बचाया।
ग्रुप कैप्टन सिंह के पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह ‘आर्मी एअर डिफेंस’ में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। सिंह का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला है।
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