इ-कॉमर्स के इस दौर में इ-क्राइम-कॉमर्स से मोटी कमाई का लालच बन रहा बड़ा कारण
- गूगल सर्च इंजन पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर भी होते हैं टॉप में
- इनके बारे में सूचना मांगने पर नहीं मिलती गूगल से जानकारी
- अब गूगल को देनी पड़ेगी जानकारी
रेनबो न्यूज़ इंडिया * 12 सितम्बर 2021
देहरादून। बढ़ते साइबर अपराधों से तो लगता हैं कि चूहे-बिल्ली के इस खेल में चूहे भी बिल्ले बनते जा रहे हैं। साइबर अपराधी बिले के नकाब में नए-नए तरीके अपना कर ऑनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले लोगों को लगातार निशाना बनाने में सफल हो रहे हैं। साइबर अपराध से जुड़ी शिकायते लगातार बढ़ती जा रही हैं। परन्तु पुलिस के लिए अपराधिओं को पकड़ना बड़ा ही मुश्किल होता हैं। क्योंकि अपराधी एक तो फर्जी नम्बरों का इस्तेमाल करते हैं और दूसरा वह देश में किसी भी कोने से इस कार्य में लगे होते हैं।
इसके संबंध में शुक्रवार को एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने गूगल के अधिकारियों के साथ बैठक की। पुलिस के साइबर अपराधियों को खोजने के लिए अब गूगल उत्तराखंड पुलिस की मदद करेगा। उसने लॉ इंफोर्समेंट रिक्वेस्ट सिस्ट (एलइआरएस) नाम से पोर्टल बनाया है। जिसके जरिये पुलिस हर तरह की जानकारी आसानी से हासिल कर सकती है। इसके संबंध में बीते शुक्रवार को एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने गूगल के अधिकारीयों के साथ बैठक की। उन्हें राज्य का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
गूगल के एलईआरएस पोर्टल के माध्यम से अब ठग की जानकारी आसानी से मिल जाएगी। एसएसपी ने बताया कि लोग गूगल सर्च इंजन पर सबसे ज्यादा निर्भर रहते हैं। सर्च इंजन पर वेबसाइट, कस्टमर केयर नंबर और अन्य प्रकार की जानकारियों के लिए गूगल का सहारा लेते है। ज्यादातर लोग गूगल पर नंबर खोजने के चक्कर में ठगे जाते है। लेकिन अब इन पर फर्जी जानकारी पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई आसान हो जायेगी। पिछले दिनों एसटीएफ ने गूगल को नोटिस भी जारी किया था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अब इस तरह की समस्याएं नहीं आएंगी।
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