असम की ‘बराक वैली’ को मिल सकता है दूसरा वन्यजीव अभयारण्य

असम की ‘बराक वैली’ को मिल सकता है दूसरा वन्यजीव अभयारण्य

रेनबो न्यूज़ इंडिया* 20 नवंबर 2021

सिलचर/असम: असम सरकार यदि ‘बराक भुवन वन्यजीव अभयारण्य’ बनाने का सिलचर के सांसद राजदीप रॉय का प्रस्ताव मान लेती है तो राज्य की ‘बराक वैली’ के विविधतापूर्ण वन्यजीवों को एक नया घर मिल सकता है।यहां बृहस्पतिवार को आयोजित छठे ‘पूर्वोत्तर हरित सम्मेलन’ से इतर रॉय ने  कहा कि अभयारण्य 320 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा और बराक नदी तथा सोनई नदी के बीच स्थित होगा। पूर्वोत्तर की दूसरी सबसे बड़ी नदी के नाम से जानी जाने वाली घाटी ‘बराक वैली’ पक्षियों की 550 प्रजातियों और 100 स्तनपायी जीवों का आवास है। इसमें तीन जिले आते हैं- कछार, हैलाकांडी और करीमगंज।अगर असम सरकार रॉय का प्रस्ताव मान लिया जाता है तो बराक वैली को उसका दूसरा वन्यजीव अभयारण्य मिल जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने कहा, “पिछले तीन दिन में यहां का दौरा करने वाले विशेषज्ञों से मुझे जानने को मिला है कि यहां एक अभयारण्य (बनाने) की संभावना है जो लगभग 320 किलोमीटर में होगी। यह मुख्य बराक नदी और उसकी एक सहयोगी नदी सोनई के बीच स्थित होगा।”यहां सरीसृप, विशेष श्रेणी में बबून और अन्य कई प्रकार के जीव जंतु रहते हैं और इसे एक अभयारण्य में परिवर्तित किया जा सकता है।उन्होंने कहा, “मैंने (असम के) वन मंत्री को प्रस्ताव दिया है जो मेरे निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। आगामी सप्ताह में इस पर विचार होगा। देखते हैं असम सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है क्योंकि हमारा रुख सकारात्मक है।

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