रेनबो न्यूज़ इंडिया * 20 दिसंबर 2021
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि वायरस के नए स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोविड-19 रोधी टीकों में ‘‘बदलाव’’ किया जा सकता है।
गुलेरिया की यह टिप्पणी कोविड-19 के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर चिंताओं के मद्देनजर आयी है।
डॉ. गुलेरिया ने रविवार को यहां कहा, ‘‘हालांकि, यह कोविड-19 का एक नया स्वरूप है, लेकिन उम्मीद की किरण यह है कि यह एक हल्की बीमारी लगती है और जहां तक टीके का सवाल है तो हमारे पास सुरक्षा होनी चाहिए । मुझे लगता है कि यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि टीके में बदलाव किये जा सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास दूसरी पीढ़ी के टीके होंगे। यह एक ऐसी चीज है जिसे हमें ध्यान में रखने की जरूरत है। मौजूदा टीके प्रभावी हैं, लेकिन नए स्वरूप के साथ, उनकी प्रतिरक्षा में कमी आएगी, हालांकि टीकों में बदलाव किया जा सकता है।’’
वे एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया द्वारा यहां महाराष्ट्र में आयोजित डॉ. वी. एस. प्रयाग मेमोरियल ओरेशन 2021 में बोल रहे थे।
डॉ. गुलेरिया ने कहा, हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा उपलब्ध कराए गए निगरानी आंकड़ों के आधार पर एक नया टीका (सामान्य बीमारियों के लिए) बनाया जाता है, इसलिए इसे करना आसान होता है।
कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप का सबसे पहले पता 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में चला था, भारत में इसके पहले दो मामले कर्नाटक में 2 दिसंबर को सामने आये थे।
भारत में रविवार तक ओमीक्रोन के 153 मामले सामने आ चुके थे।
Related posts:
- कोविड-19 के नये स्वरूप के बारे में जानी-अनजानीं बातें
- ओमीक्रोन के मामलों की संख्या 100 पार : केंद्र ने गैर जरूरी यात्रा, जमावड़े से बचने की दी सलाह
- कोरोना वायरस: अमेरिका में ओमीक्रोन स्वरूप से मौत का पहला मामला आया सामने
- ब्रिटेन में ओमीक्रोन से पहली मौत : प्रधानमंत्री जॉनसन
- ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को लेकर आज पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे समीक्षा बैठक
- आगामी हफ्तों में दुनिया में सबसे ज्यादा हावी स्वरूप होगा डेल्टा: डब्ल्यूएचओ