रेनबो न्यूज़ इंडिया* 29 October 2021
अगर आप सरसों का तेल खरीद रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। उत्तराखंड के 20 जगहों पर नकली सरसों का तेल धड़ल्ले से बिक रहा है। दरअसल, स्वयंसेवी संस्था स्पेक्स ने उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों से सरसों के 469 नमून एकत्र किए, जिनमें से 415 सैंपल में मिलावट दर्ज की गई है,जिसमें देहरादून, विकासनगर, डोईवाला, मसूरी, टिहरी, उत्तरकाशी, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, गोपेश्वर, हरिद्वार, जसपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, रामनगर, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ शामिल है।
मसूरी, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, गोपेश्वर और अल्मोड़ा में सरसों के तेल के नमूनों में शत-प्रतिशत मिलावट पाई गई, वहीं जसपुर में न्यूनतम मिलावट 40% , काशीपुर में 50% पाई गई ।
उत्तरकाशी में 95%, देहरादून 94%, पिथौरागढ़ 91%, टिहरी 90%, हल्द्वानी 90%, विकास नगर 80%, डोईवाला 80%, नैनीताल 71%, श्रीनगर 80%, ऋषिकेश 75%, राम नगर 67%, हरिद्वार 65%, रुद्रपुर में 60 प्रतिशत मिलावट पाई गई। स्पेक्स संस्था के सचिव डा. बृजमोहन शर्मा ने गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि इन सभी सैंपल की जांच प्रयोगशाला में की गई।
स्पेक्स संस्था के अध्यक्ष का कहना है कि वह सितंबर से लगातार उत्तराखंड से नमूनों का परीक्षण कर रहे हैं, जिसमें अधिकांश सैंपल फेल हो रहे हैं, ऐसे में उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि जो भी लोग सरसों या अन्य तेल खरीद रहे है, उसकी जांच अवश्य करें।
उपरोक्त मिलावटी तेल के नमूनों में पीले रंग यानी मेटानिल पीला, सफेद तेल, कैस्टर ऑयल, सोयाबीन और मूंगफली जिसमें सस्ते कपास के बीज का तेल होता है, और हेक्सेन की मिलावट का अधिक प्रतिशत पाया गया ।
स्वास्थ्य को नुकसान
मिलावटयुक्त सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। इससे पाचन तंत्र संबंधी रोग के अलावा शरीर में सूजन, उल्टी-दस्त, भूख न लगना, जलन आदि बीमारिया हो सकती है। ऐसे में थोड़ी सी भी मिलावट उस समय तो कोई बड़ी बात नहीं लगती, परन्तु लंबे समय में इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं।
कैसे करें जांच
डा. शर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति घर में ही सरसों के तेल में मिलावट की जांच कर सकता है।
* इसके लिए तेल की कुछ मात्रा लेकर दो-तीन घटे के लिए फ्रिज में रख देना चाहिए। यदि तेज में कुछ सफेद (घी जैसा) जम जाता है तो यह तेल मिलावटी है।
*तेल को उबालने पर ऊपर की परत में झाग स्थायी रूप से रहे तो यह भी मिलावट की निशानी है।
*सरसों के तेल की गुणवत्ता जांचने के लिए आप रबिंग टेस्ट भी ले सकते हैं। हथेलियों में थोड़ा सा तेल डालकर मलें, यदि आपको रंग का कोई निशान और कुछ रासायनिक गंध मिलती है, तो इसका मतलब है कि तेल में कुछ नकली पदार्थ है।
*तेल का नमूना लेकर निम्बू के रस की कुछ बूंदे उसमे डालें यदि उनकी भौतिक अवस्था बदल जाती है तो यह मिलावटी है ।
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