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“बद्रीनाथ धाम” को गैर हिंदुओं के लिए प्रतिबंधित करने की मांग, भैरव सेना ने डीएम के माध्यम से सीएम को दिया ज्ञापन

“बद्रीनाथ धाम” को गैर हिंदुओं के लिए प्रतिबंधित करने की मांग, भैरव सेना ने डीएम के माध्यम से सीएम को दिया ज्ञापन

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 25 अक्टूबर 2021 

देहरादून। सोमवार को भैंरव सेना के दर्जनों कार्यकर्ता महानगर संगठन महामंत्री संजीव पयाल के नेतृत्व में हिन्दुओं के सबसे बड़े मोक्षधाम “बद्रीनाथ धाम” को गैर हिंदुओं के लिए प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर कचहरी परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तथा माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से मांगपत्र देकर ज्ञापन प्रेषित किया।

संगठन अध्यक्ष संदीप खत्री ने पत्रकार बंधुओं को संबोधित करते हुए बताया कि हिंदुओं के तीर्थों को खंडित तथा कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी रणनीति के तहत अभी कुछ दिनों पहले बद्रीनाथ धाम परिसर में जबरन नमाज अता की गई, साथ ही कई वर्षों से कुछ संप्रदाय विशेष के पंथवालंबी धर्मगुरू “श्री बद्रीनाथ धाम” को बदरुद्दीन का स्थल बताते आ रहे हैं। जिससे कि निकट भविष्य में बड़ी सांप्रदायिक घटनाएं घट सकती हैं, जोकि राष्ट्र की अखंडता और एकता के लिए ठीक नहीं है। क्योंकि श्री हरि भगवान विष्णु के चार धामों में से मुख्य श्री धाम बद्रीनाथ धाम है और वहां पर गैर सनातनी-गतिविधियां हिंदू संप्रदाय के किसी भी व्यक्ति को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगी। 

इसीलिए ज्ञापन के माध्यम से “भैंरव सेना” संगठन द्वारा उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री से मांग की गई की शीतकालीन सत्र में एक विशेष विधेयक लाकर श्री बद्रीनाथ धाम परिसर के 51 किलोमीटर के दायरे में गैर-हिंदुओं को प्रतिबंधित किया जाए।

संगठन के महासचिव आचार्य उमाकांत भट्ट ने कहा कि यह कोई भिन्न मांग भी नहीं है क्योंकि मक्का मदीना तथा वेटिकन सिटी भी अपने-अपने धर्म और संप्रदाय के अलावा अन्य किसी का हस्तक्षेप अपने धर्म स्थल पर बर्दाश्त नहीं करता, तो सिर्फ हिंदुओं के धाम और तीर्थ स्थलों पर धर्मनिरपेक्षता क्यों लागू की जाए। 

सौरभ पार्छा तथा अमरजीत सिंह ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भी एक हद तक स्वीकार्य है, परंतु जब आपके आस्था पर चोट पहुंचाने का प्रयास किया जाए तो आपको उसका विरोध करना ही होगा और समय रहते देवभूमि को सुरक्षित नहीं किया गया तो आने वाले समय में स्थितियां और विकट हो जाएगी।

ज्ञापन प्रेषण के कार्यक्रम में उपस्थित वक्ता ने मुखर होकर बताया कि आज ज्ञापन देने का मुख्य कारण शासन-प्रशासन को सूचनार्थ करना भी था। क्योंकि भैरव सेना द्वारा 8 नवंबर को “श्री बदरीनाथ धाम” में अपने धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए कारगर कदम उठाने के लिए कूच किया जाएगा। जिसमें की वरिष्ठ आंदोलनकारी और हिंदू धर्म के कुछ मुख्य नेतृत्वकारी भी शामिल रहेंगे। 

ज्ञापन प्रेषण कार्यक्रम में पूरण चंद, सत्यवीर सिंह, संजय पंवार, ठाकुर रमोला, शुभम जुगरान, सुरेन्द्र रावत, गौरव राजपूत, महेन्द्र बिष्ट तथा उपरोक्त उपस्थित वक्ताओं सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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