रेनबो न्यूज़ इंडिया* 5 अक्टूबर 2021
देश के अंतिम नागरिक के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने के लिए, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को उत्तर-पूर्व में ICMR के ड्रोन रिस्पॉन्स एंड आउटरीच (आई-ड्रोन) कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी लोगों के लिए जीवन रक्षक वैक्सीन तक पहुंच को सुनिश्चित करना है।
इस कार्यक्रम की लॉन्चिंग के मौके पर मंडाविया ने कहा कि ‘यह पहली बार है कि दक्षिण एशिया में ‘मेक इन डंडिया’ ड्रोन का इस्तेमाल कोविड वैक्सीन को विष्णुपुर जिला अस्पताल से मणिपुर में लोकतक झील, करंग द्वीप स्वास्थ्य केंद्रों तक 15 किमी के क्षेत्र में 12-15 मिनट में पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। इन स्थानों के बीच की वास्तविक सड़क दूरी 26 किमी है। आज 10 लाभार्थियों को पहली खुराक मिलेगी और 8 को दूसरी खुराक पीएचसी में मिलेगी।
उन्होंने कहा, भारत भौगोलिक विविधताओं का देश है और ड्रोन का उपयोग अंतिम भूभाग तक आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने के लिए किया जाएगा। जीवन-रक्षक दवाएं पहुंचाने, रक्त के नमूने एकत्र करने में ड्रोन का उपयोग कर सकते हैं। इस तकनीक का उपयोग विकट परिस्थितियों में भी किया जा सकता है। यह प्रौद्योगिकी स्वास्थ्य सेवा वितरण, विशेष रूप से कठिन क्षेत्रों में स्वास्थ्य आपूर्ति से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने में एक गेम चेंजर साबित हो सकती है।
इस मॉडल को उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने विकसित किया है। कुल मिलाकर आई-ड्रोन सुविधा का उद्देश्य उत्तर-पूर्व के दुर्गम इलाकों में वैक्सीन की पहुंच को आसान बनाना है।
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