नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने वाला विश्व का पहला राष्ट्र बना भारत: मनसूख़ मांडविया

नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने वाला विश्व का पहला राष्ट्र बना भारत: मनसूख़ मांडविया

केंद्रीय रसायन और उर्वरक तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसूख़ मांडविया की उपस्थिति में गुजरात के भावनगर में तरल नैनो यूरिया का ड्रोन से छिड़काव करने का सफलता पूर्वक स्थल परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में किसान भी उपस्थित रहे। तरल नैनो यूरिया का ड्रोन से यह प्रायोगिक परीक्षण इफको द्वारा किया गया। इफको (आईएफ़एफ़सीओ) नैनो तरल यूरिया विकसित करने वाली कंपनी है।

केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने इस प्रायोगिक परीक्षण को देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। भारत,नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। आज न केवल नैनो यूरिया का बड़े पैमाने पर उत्पादन होने लगा है, बल्कि हमें प्रसन्नता इस बात की है कि जब से इसका उत्पादन शुरू हुआ तब से ही किसान इसे बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं। जून में इसका उत्पादन शुरू हुआ और तब से अब तक हमने नैनो यूरिया की 50 लाख से अधिक बोतलों का उत्पादन कर लिया है। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया की प्रतिदिन एक लाख से अधिक बोतलों का उत्पादन किया जा रहा है।

मांडविया ने कहाकि “उर्वरक और कीटनाशकों के पारंपरिक छिड़काव को लेकर लोगों के मन में कई सवाल और शंकाएं बनी हुई हैं। छिड़काव करने वाले के स्वास्थ्य को इससे होने वाले संभावित नुकसान के बारे में भी चिंता व्यक्त की जाती है। ड्रोन से इसका छिड़काव इन सवालों और समस्याओं का समाधान कर देगा। ड्रोन से कम समय में अधिक से अधिक क्षेत्र में छिड़काव किया जा सकता है। इससे किसानों का समय बचेगा। छिड़काव की लागत कम होगी। इससे किसानों को आर्थिक बचत होगी। इसके साथ-साथ छिड़काव करने वाले की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।

मांडविया ने कहा कि तरल नैनो यूरिया बहुत कम समय में ही पारंपरिक यूरिया के एक प्रभावी विकल्प के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी कहा कि तरल नैनो यूरिया के उपयोग से किसानों को आर्थिक बचत होगी, उत्पादकता बढ़ेगी और यूरिया आयात पर भारत की निर्भरता में भी कमी आएगी। इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम होगा और सरकार इस बचत का इस्तेमाल अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए कर सकेगी।

इफको ने अपने अध्ययन में पाया है कि ड्रोन के द्वारा तरल नैनो यूरिया का छिड़काव किए जाने से फसलों पर यह अधिक प्रभावी है और उत्पादकता पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आज किए गए स्थल परीक्षण में किसानों ने नैनो यूरिया तथा ड्रोन के छिड़काव की तकनीक के बारे में उत्सुकता से जानकारी ली।

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