टिहरी की मंजू भंडारी ने पेश की मिसाल,स्टेयरिंग थामकर संभाला परिवार

टिहरी की मंजू भंडारी ने पेश की मिसाल,स्टेयरिंग थामकर संभाला परिवार

Rainbow News India* 7 October 2021

मजबूत इरादे कठिन से कठिन राह को आसान बना देते हैं। इसकी जीती जागती मिसाल है, टिहरी जिले के भिलंगना ब्लाक स्थित जाख गांव की 42-वर्षीय मंजू भंडारी। पिता की मौत के बाद उन्होंने न केवल खुद को संभाला बल्कि परिवार को संभालने के लिए अल्टो वाहन खरीदकर उसका स्टेयरिंग भी स्वयं थाम लिया। आज वह पहाड़ के चुनौतीभरे रास्तों पर टैक्सी चलाकर परिवार को संभाल रही हैं।

मंजू बताती हैं कि छोटे भाई को रोजगार दिलाने के मकसद से उन्होंने पहले खुद टैक्सी चलाई। फिर बुकिंग से अच्छी कमाई होने पर भाई के लिए भी वाहन खरीदा। आज वह दोनों ही वाहन चलाकर अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह अपनी तीनों बहनों के अलावा भाई सोहन की शादी भी कर चुकी है। हालांकि, परिवार की खुशी के लिए उन्हें खुद शादी नहीं की।

महज 18 साल की उम्र में पिता गंगा सिंह भंडारी को खोने के बाद तीन बहनों और एक भाई के साथ मां लक्ष्मी देवी की जिम्मेदारी भी मंजू के कंधों पर आ पड़ी। लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, पिता की दुकान संभालने के साथ -साथ खेती के कार्य में मां का भी हाथ बंटाया और स्वयं भी उन्होंने गांव में मजदूरी करके परिवार का सहारा बनी। 2014 में मंजू ने अपनी जमा-पूंजी से एक अल्टो वाहन खरीदा। साथ ही उसे चलाने को कामर्शियल लाइसेंस भी बनवा लिया। मंजू की सोच थी कि वह टैक्सी को यात्री सेवा में लगाकर अच्छी-खासी कमाई कर सकती है। और अपने परिवार का सहारा बन सकती हैं।

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